मुझे हराने
की
और मेरी
ज़िद है
तुम्हें
पाने की...
तुम लाख
कोशिश कर लो
मुझसे दूर
रहने की
मुझे अपनी
यादों
जुदा रखने
की
लेकिन
हार तय
है तुम्हारी
मेरे अस्तित्व
को
नकार नहीं
सकते तुम
मेरे प्यार
से
इंकार नहीं
कर सकते तुम
यक़ीन है
मुझे
खुद पर,
खुदा पर,
उसके वजूद
पर
एक दिन
जीतूंगी मैं
और हारोगे
तुम
तुम नहीं
हरा सकते मुझे
तुम नहीं
थका सकते मुझे
तुम नहीं
तोड़ सकते मेरी हिम्मत
तुम नहीं
दे सकते मुझे शिकस्त....
7 टिप्पणियां:
आत्मविश्वास भरी अभिव्यक्ति !
नई पोस्ट आम आदमी !
नई पोस्ट लघु कथा
कल 12/01/2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
धन्यवाद!
So good...
बहुत खूब...सुंदर रचना
हिमकर श्याम
http://himkarshyam.blogspot.in/
हौसला अफज़ाई के लिए शुक्रिया....
सुन्दर अभिव्यक्ति...
बहुत उम्दा बहुत सुन्दर मैम :)
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