बुधवार, 23 जुलाई 2014

मौत का सामान

किसी पे लिखा है
मेड इन चाइना
किसी पर लिखा है
मेड इन अमेरिका
कोई है
मेड इन रशिया
तो कोई
मेड इन पाकिस्तान...
हर मुल्क
तैयार कर रहा है
मौत का सामान...
कोई धर्म के नाम पे
कोई संप्रदाय के लिए
कोई खुद के लिए
कोई ख़ुदा के नाम पे...
कोई ज़मीन के टुकड़े के लिए
तो कोई एक पट्टी के खातिर
दाग़ रहा है मिसाइल
कर रहा है क़त्ल ए आम...
टुकड़ों में बटंती ज़मीन
ख़ून से लथपथ इंसानियत
लोथड़ों में तब्दील मासूम...
लेकिन सब हैं
खामोश, सब हैं शून्य..
किसी को नहीं फ़िक्र
किसी को नहीं परवाह
सब फैला रहे हैं
अपना साम्राज्य
सब बना रहे हैं
मौत का सामान...

2 टिप्‍पणियां:

कालीपद "प्रसाद" ने कहा…

वर्तमान दुनिया का वास्तविक तस्वीर खीचती रचना |
कर्मफल |
अनुभूति : वाह !क्या विचार है !

Misra Raahul ने कहा…

हाँ तैयार कर रहा मौत के समान।
बहुत उम्दा अभिव्यक्ति।
नई रचना : सूनी वादियाँ