तुम
अब भी
तलाश रहे हो
वही चेहरा
जिससे तुम्हें
पहली नज़र में
प्यार नहीं हुआ था
लेकिन
तुम खो गए थे
उसकी उदासी में
खुद में खोई लड़की
जूझती
ज़माने से
लड़ती मुश्किलों से...
उसके
चेहरे पे मुस्कराहट
लाते लाते
तुम खुद लापता हो गए थे...
तुम
अब भी
तलाश रहे हो
वो लड़की
जो दिल में
दबाये थी बहुत कुछ
कोई नहीं
पढ़ पाता था
उसकी ख़ामोशी को
तुम्हें वही ख़ामोशी
कशिश भरी लगती थी
तुम
वही कशिश
तलाश रहे हो
वही ख़ामोशी
वही गुम लड़की
लेकिन
वक़्त कहाँ
किसी का इंतज़ार करता है
मत तलाशो उस चेहरे को
किसी और के चेहरे में
क्योंकि
इश्क़ इक बार होता है
2 टिप्पणियां:
सुंदर रचना.... आपकी लेखनी कि यही ख़ास बात है कि आप कि रचना बाँध लेती है
आभार 😊
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