बुधवार, 11 दिसंबर 2013

सुनो
तुमसे वो कहना है
जो कभी नहीं कहा
सुनो
तुम-हम
अब संग हैं
तुम थकना नहीं
तुम हिम्मत नहीं हारना
तुम डटे रहो
मुश्किलों में
तुम लड़ते रहो
तूफानों से
मैं हूँ
हर समय
हर कठिन
परिस्थति में
जब लगे
टूट रहा है हौसला
तो देखना पलट के
जब हावी होने लगे निराशा
तो सोचना मुझे
तुम्हारी जीत
तुम्हारी हार
तुम्हारे दुःख
तुम्हारे संघर्ष
हर हालत में
साथ हूँ
बस यही
भरोसा दिलाना था तुम्हें...

4 टिप्‍पणियां:

नीलिमा शर्मा Neelima Sharma ने कहा…

https://hindibloggerscaupala.blogspot.com/के शुक्रवारीय अंक दिनांक १३/१२/१३ को आपकी रचना शामिल की गयी हैं कृपया अवलोकन हेतु पधारे .धन्यवाद

मेरा मन पंछी सा ने कहा…

सुन्दर रचना....

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

सुंदरतम !!

Onkar ने कहा…

सुन्दर रचना