बुधवार, 11 दिसंबर 2013

सुबह की नरम धूप भी देखो...

सुबह की
नर्म धूप भी देखो
बिलकुल तुम्हारे ख्यालों सी है
ये हलकी सुनहरी
थोड़ी सी चुभती
मुझे तेरी याद दिलाती भी है...
कभी सख्त होना
कभी झिलमिलाना
कभी तुम जैसे तेवर दिखाना...
बादल में छुपना
नज़रें चुराना
तुम्हारे तरह रूठना मनाना...
ये देखो कितनी मासूम सी है
बिलकुल तुम्हारी मोहब्बत के जैसे
सुबह की
नर्म धूप भी देखो
बिलकुल तुम्हारे ख्यालों सी है...
एक दिन ना निकले
तो बेचैन दिल हो
कभी मूंह जो फेरे तो
सजदा करा ले
कहीं तुमने देखी है तस्वीर अपनी
अगर कोई शक हो तो खुद आजमा लो....

6 टिप्‍पणियां:

Parul Chandra ने कहा…

बहुत सुन्दर है सुबह की नर्म धूप..

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…

हिन्दी ब्लॉग जगत मे आपका हार्दिक स्वागत है। बहुत अच्छा लगा आपका ब्लॉग!


सादर

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…

कल 15/12/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
धन्यवाद!

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

बहुत सुंदर लिखती रहें !

संजय भास्‍कर ने कहा…

बहुत खूब..
सभी लाजवाब...
और दिल के करीब....
:-)

संजय भास्‍कर ने कहा…

आपका ब्लॉग बहुत पसंद आया मैं आपके ब्लॉग का फोल्वेर बन रहा हूँ
फुर्सत मिले तो कभी हमारे ब्लॉग पर भी पधारिए
@ संजय भास्कर
http://sanjaybhaskar.blogspot.in